कोझिकोड (केरल), 21 नवंबर (भाषा) भारतीय नौसेना (Indian Navy) के विध्वंसक युद्धपोत ‘विशाखापट्टनम’ (Visakhapatnam) को रविवार को यहां सेवा में शामिल किए जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्चस्ववादी प्रवृत्तियों वाले ‘कुछ गैर-जिम्मेदार देश’ अपने संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हितों के कारण संयुक्त राष्ट्र (United Nations) समुद्री कानून संधि (UNCLOS) को अनुचित तरीके से परिभाषित कर रहे हैं.
भारतीय नौसेना के विध्वंसक युद्धपोत ‘विशाखापट्टनम’ को सेवा में शामिल कर लिया गया है. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिना नाम लिए चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्चस्ववादी प्रवृत्तियों वाले 'कुछ गैर-जिम्मेदार देश' अपने संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हितों के कारण समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) को गलत तरीके से परिभाषित कर रहे हैं. इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि यह चिंता की बात है कि यूएनसीएलओएस की परिभाषा की मनमानी व्याख्या कर कुछ देशों की ओर से इसे लगातार कमजोर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अपना आधिपत्य जमाने और संकीर्ण पक्षपाती हितों वाले कुछ गैर-जिम्मेदार देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों की गलत व्याख्या कर रहे हैं.
बता दें कि छिप कर वार करने में सक्षम, स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत ‘विशाखापट्टनम’ कई मिसाइल और पन्नडुब्बी रोधी रॉकेट से लैस है. इसे नौसेना के शीर्ष कमांडरों की मौजूदगी में सेवा में शामिल किया गया. इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि INS विशाखापत्तनम के नौसेना में शामिल होने से हमारी ताकत बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हम आत्मनिर्भर की ओर बढ़ रहे है.
उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार समुद्री हितधारक के रूप में, भारत सार्वभौमिक सिद्धांतों और शांतिपूर्ण, मुक्त, नियम-आधारित स्थिर समुद्री व्यवस्था का समर्थन करता है. साथ ही कहा कि भारत नौवहन की स्वतंत्रता, मुक्त व्यापार और सार्वभौमिक मूल्यों के साथ एक नियम-आधारित हिंद-प्रशांत की कल्पना करता है, जिसमें भाग लेने वाले सभी देशों के हितों की रक्षा हो.
सिंह ने विश्व की स्थिरता, आर्थिक प्रगति और विकास सुनिश्चित करने के लिए वैश्वीकरण के वर्तमान युग में नौवहन की नियम-आधारित स्वतंत्रता और समुद्री मार्गों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यूएनसीएलओएस, 1982 किसी भी देश के जलक्षेत्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र और समुद्र में बेहतर व्यवस्था के बारे में बताता है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे बताया बताया गया कि 163 मीटर लंबा यह युद्धपोत शक्तिशाली कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक युद्धपोत का तकनीकी अपग्रेडेट वर्जन है. यह आधुनिकतम तकनीकों से युक्त है. उन्होंने कहा कि युद्धपोत अत्याधुनिक सेंसर से लैस हैं और इसकी गिनती दुनिया के सबसे उन्नत युद्धपोतों में होगी.